बाबा के समर्थन में उमड़ा शहर
करनाल, जागरण संवाद केंद्र : बाबा रामदेव के आंदोलन में विघ्न डालने से व्यथित भारत स्वाभिमान ट्रस्ट और पतंजलि योग समिति के बैनर तले एकत्रित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों के बाजार बंद का आह्वान सुबह सफल रहा। दिन चढ़ने के साथ ही दुकानों के शटर खुल गए। बाजार बंद का असर आंशिक रहा है। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता धरने पर डटे रहे और उन्होंने पुलिस की गई कार्रवाई को जलियावालां बाग की याद कराने वाला करार दिया।
दिल्ली के रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के आंदोलन को दमनकारी ढंग से दबाने के लिए किए गए लाठीचार्ज का विरोध मुखर तौर पर किया गया। उसके विरोध में भारत स्वाभिमान ट्रस्ट और पतंजलि योग समिति के आह्वान पर शहर के मुख्य बाजार सुबह बंद रहे हैं। बाजार खुलने के समय नौ बजे कर्ण गेट, सराफा बाजार, नेताजी सुभाष मार्केट, कुंजपुरा रोड आदि की दुकानों के शटर नहीं उठाए गए। आंदोलन को समर्थन देने के लिए दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान नहीं खोले। हालांकि समय आगे बढ़ने के साथ ही करीब 11 बजे तक दुकानें खुल गई थी, लेकिन दुकानदारों ने यह संकेत कर दिया कि वह बाबा रामदेव के आंदोलन के समर्थन में है। बाबा के अनुयायी राणा ठाठ सिंह, संजीव लखनपाल, जोगिंद्र मदान, डा. सीके ठाकुर, दीपक धवन, जगमोहन आनंद, महेश खन्ना, कृष्णलाल तनेजा आदि ने कहा कि वे स्वामी रामदेव के साथ हैं। उनके आंदोलन को किसी भी सूरत में झुकने नहीं दिया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी का 24 घंटे का धरना जारी रहा। भाजपा कार्यकर्ता रविवार शाम को सेक्टर 12 में आयोजित धरने पर पहुंच गए थे। रात भर धरने पर डटे रहने के बाद सोमवार को भी वे धरने पर जुटे रहे। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री आइडी स्वामी ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के इरादे साफ करते हुए इस तरह के आंदोलन को दमन के साथ दबाना चाहती है, लेकिन भाजपा इसे कतई स्वीकार नहीं करेगी। पूर्व मंत्री शशीपाल मेहता, भाजपा के जिलाध्यक्ष जंग बहादुर चौहान, अशोक सुखीजा और एडवोकेट बालकृष्ण शर्मा ने कहा कि सरकार गर्त की ओर बढ़ चुकी है। जनता जागृति हो चुकी है कि कांग्रेस के शासन में उनके हक किस हद तक सुरक्षित है। बाबा रामदेव के आंदोलन पर कुठाराघात कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एडवोकेट शमशेर सिंह नैन ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस दौरान पार्टी नेता एडवोकेट वेदपाल, बक्शीश सिंह, अमरनाथ सौदा, मेहर सिंह कलामपुर व जगदेव पाढ़ा आदि मौजूद थे।