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गतिरोध में फंसा शिक्षा का स्तर


अश्विनी शर्मा, करनाल : शिक्षा में गतिरोध ही गतिरोध है। बच्चों को शिक्षा देने के सवाल से लेकर उन्हें निश्शुल्क मिलने वाली तमाम सुविधाएं किसी ना किसी अंड़गे में फंस जाती है। बेशुमार शिक्षकों के पद खाली हैं। सर्व शिक्षा अभियान हकीकत में लागू नहीं हुआ। मिड-डे-मिल हिचकोले खा रहा है।
करनाल जिले के सरकारी स्कूलों मूलभूत सुविधाओं से महरूम रहने की दुहाई लगातार देते रहते हैं, लेकिन सरकारी काम होने की वजह से कोई भी शिक्षक खुलकर आवाज बुलंद नहीं करता। करनाल जिले में शिक्षकों का अभाव है। करनाल जिले में शिक्षकों के पांच हजार 614 पोस्ट है, जबकि तीन हजार 690 शिक्षक नियुक्त हैं। इनमें अतिथि अध्यापक 925 है, जबकि एक हजार शिक्षकों के पद नदारद है।
करनाल में 499 प्राथमिक पाठशाला, माध्यमिक स्कूल 122, उच्च विद्यालय 89 और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय 73 हैं। इन सभी विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर लगातार आवाज उठती रही। पहला मसला स्कूलों की मूलभूत सुविधाओं को लेकर उठता है। पीने के पानी से लेकर शौचालय में आने वाली दिक्कतें जगजाहिर हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत कभी भी तय समय पर पुस्तकें नहीं पहुंचती तो साथ ही अन्य सुविधाएं भी नहीं पहुंचती।
एजुसेट सिस्टम लगातार नए सिरे से जवान होने की कोशिश कर रहा है, लेकिन बच्चे इस व्यवस्था को देखने के लिए तरस रहे हैं। यह सिस्टम कई बरसों से चल रहा है, लेकिन करनाल जिले में यह व्यवस्था शुरू होने के साथ ही खराब होने के विवाद में घिर चुकी थी। एजुसेट खराब होने के बाद उसे ठीक करने वाले कई दिनों बाद आते हैं।
सर्व शिक्षा अभियान लगातार ड्राप आउट बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने के दावे कर रहा है, लेकिन यह दावे भी हकीकत में सामने नहीं आ रहे। अभी भी करीब दो हजार से ज्यादा बच्चे ड्राप आउट हैं। विभाग इस आंकड़े को स्वीकार नहीं करता।
हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश सचिव कृष्ण कुमार निर्माण के अनुसार विभाग दावे बेहद करता है, लेकिन उनकी परिणिती कभी नहीं होती। गैर शिक्षण कार्यों में अध्यापकों को व्यस्त रखा जाता है। इसके बावजूद भी अध्यापक निष्ठा के साथ अपने कार्य को पूरा करने के लिए तैयार हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी सरिता भंडारी के अनुसार जिले में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से दुरुस्त है। हर स्कूल पर पूरी नजर रखी जा रही है। किसी भी हाल में सरकारी स्कूली व्यवस्था बिगड़ने नहीं दी जाएगी

Posted by City on 22:28. Filed under . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0. Feel free to leave a response

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